उस समय सीआईओ (कांग्रेस ऑफ इन्डस्ट्रियल अर्गानाईजेशन)2 के द्वारा मजदूर संगठनों के काम में बेहद तेजी आई थी, सभी समाजतान्त्रिक और साम्यवादी पार्टियों के सम्मिलित प्रयासों ने एक ऐसे राजनीतिक समावेश का आकार ग्रहण किया था जिसकी वजह से कई जनमुखी संस्कार शुरु हो सके थे-सामाजिक सुरक्षा और बेकारी बीमा तभी शुरु हुआ था, 110 लाख केन्द्र-सरकारी नौकरियों में नियुक्तियाँ हुई थी।